Blockchain Technology Kya Hai 2022

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम बात करने जा रहे हैं  कि Blockchain Technology Kya Hai .तो चलिए शुरू करते है. जैसे जैसे कि विज्ञान जितनी तेजी से तरक्की की ओर बड़ रहा है उतनी तेजी से दुनिया भी डिजिटल की ओर बढ़ती जा रही है.

केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरा विश्व इसकी ओर तेजी से बड़ रहा है और साथ साथ डाटा के रख रखाव की समस्या भी बढ़ती जा रही है मगर Blockchain Technology इस समस्या को हल करने के लिए एक विकल्प के रूप में उभरकर सामने आती हुयी नजर आ रही है.

Blockchain Technology Kya Hai in Hindi :

दोस्तों सबसे पहले हम बात करेंगे की Blockchain शब्द कैसे बना और इसका मतलब क्या होता है दरअसल ब्लॉक चैन Block और Chain दो शब्दों से मिलकर बना है.

जिसका मतलब डाटा को ब्लॉक करके उसको एक चेन के रूप में बनाने से है इस टेक्नोलॉजी में क्रिप्टोग्राफी टेक्नोलॉजी द्वारा डाटा को एन्कोडिंग करके सुरक्षित रखने का कार्य किया जाता है.

इसमें हर एक ब्लॉक एक दूसरे ब्लॉक के साथ जुड़े रहते है और हर एक ब्लॉक में उसके पीछे वाले ब्लॉक का टाइमस्टैपं  हुए एक क्रिप्टोग्राफी हैश और लेन देन का डाटा मौजूद रहता है जिससे की हर एक ब्लॉक में पिछले वाले ब्लॉक का डाटा भी सेफ रहता है। 

अगर हम इसको आसान शब्दों में समझने की कोशिस करें तो Blockchain Technology एक खाता बुक होता है जोकि एक दूसरे ब्लॉक का हिसाब अपने अपने खाता बुक में स्टोर कर लेता है।

और इस डाटा को स्टोर रखने के लिए किसी अन्य बैंक आदि की जरुरत नहीं पड़ती है और किसी भी डाटा के एक बार स्टोर होने के बाद इसमें किसी प्रकार की छेड़ छाड़ तथा कोई भी बदलाव नहीं किया जा सकता है। 

इस आर्टिकल के माध्यम से मै आपको Blockchain Technology के बारे में बताऊँगा साथ ही इसके इतिहास और invention पर भी नजर डालकर आपको विस्तारपूर्वक बताऊँगा आपको बिना स्किप किये इस आर्टिकल को अच्छे से पड़ना है ताकि आप भी समझ सके की आखिर Blockchain Technology Kya Hai in Hindi .

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Blockchain Technology Kaise Kaam Karta Hai :

दोस्तों सबसे पहले हम बात करेंगे की ब्लॉक चैन शब्द कैसे बना और इसका मतलब क्या होता है दरअसल ब्लॉक चैन Block और Chain दो शब्दों से मिलकर बना है जिसका मतलब डाटा को ब्लॉक करके उसको एक चेन के रूप में बनाने से है .

इस टेक्नोलॉजी में क्रिप्टोग्राफी टेक्नोलॉजी द्वारा डाटा को एन्कोडिंग करके सुरक्षित रखने का कार्य किया जाता है और इसमें हर एक ब्लॉक एक दूसरे ब्लॉक के साथ जुड़े रहते है।

और हर एक ब्लॉक में उसके पीछे वाले ब्लॉक का टाइमस्टैपं  हुए एक क्रिप्टोग्राफी हैश और लेन देन का डाटा मौजूद रहता है जिससे की हर एक ब्लॉक में पिछले वाले ब्लॉक का डाटा भी सेफ रहता है। 

अगर हम इसको आसान शब्दों में समझने की कोशिस करें तो ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी एक खाता बुक होता है जोकि एक दूसरे ब्लॉक का हिसाब अपने अपने खाता बुक में स्टोर कर लेता है.

और इस डाटा को स्टोर रखने के लिए किसी अन्य बैंक आदि की जरुरत नहीं पड़ती है और किसी भी डाटा के एक बार स्टोर होने के बाद इसमें किसी प्रकार की छेड़ छाड़ तथा कोई भी बदलाव नहीं किया जा सकता है। 

Blockchain Technology Inventor :

Blockchain Technology Kya Hai

अगर हम बात करें की इस टेक्नोलॉजी के अविष्कार के बारे में तो इसका सबसे पहले अविष्कार स्टुअर्ड हैबर और डब्ल्यू स्कॉट स्टोरनेटा  द्वारा 1991 में बताया गया था और ठीक उसके एक वर्ष बाद 1992 में बायर भी इसमें शामिल हो गए थे।

इसका मुख्य उद्देश्य डिजिटल दस्तावेज में बदलाव तथा उसके छेड़छाड़ को रोकना था और वर्ष 2009 में जापानी व्यक्ति सातोशी ने इस Technology के आधार पर बिटकॉइन का अविष्कार भी कर डाला और उसके बाद ही Blockchain Technology काफी चर्चा में बन गयी.

इसकी बढ़ती Technology को देखकर ये अंदाज़ा लगाया जा सकता है की यह Technology एक लम्बे समय तक बनी रहेगी। 

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Blockchain Technology Advantages :

1- यह एक खता बुक के तौर पर कार्य करता है.

2- सुरक्षा के तौर पर डाटा सुरक्षा अधिक है.

3- डाटा के छेड़छाड़ तथा उसमे बदलाव करना असंभव है. 

4- इसमें किसी तीसरे पक्ष का हस्तछेप नहीं है जिससे इसकी सुरक्षा और बड़ जाती है.

5- इसमें प्रत्येक ब्लॉक में एक दूसरे ब्लॉक का डाटा स्टोर रहता है जिसकी वजह से यह और सरक्षित बन जाता है.

Blockchain Wallet Review :

चलिए अब बात करते है Blockchain वॉलेट के बारे में दोस्तों Blockchain वॉलेट एक डिजिटलाइज़ वॉलेट है जैसे की मान लीजिये यह एक प्रकार का टोकन है जिसमे की आप अपने बिटकॉइन, ईथर तथा अन्य क्रिप्टोकरेंसी को स्टोर करते है और आप इस वॉलेट के माधयम से अपने क्रिप्टोकरेंसी को अन्य मुद्रा में बदल सकते है.

इससे सम्बंधित एक एप्लीकेशन भी है जिसको की आप अपने मोबाइल में डाउनलोड कर सकते हैं। इस वॉलेट में आपको 2 प्रकार की कीज मिलती है इसमें प्रथम वाले को पब्लिक कीज का नाम दिया गया है तथा दूसरे को प्राइवेट कीज का नाम दिया गया है। 

Types Of Blockchain :

तो चलिए दोस्तों एक नज़र ब्लॉकचेन के प्रकार पर भी डाल लेते हैं की ब्लॉकचेन कितने प्रकार के होते हैं .दोस्तों ब्लॉकचेन 4 प्रकार के होते है जिनमे से निम्न्लिखित इस प्रकार है। 

1- Public Blockchain : 

इस ब्लॉकचैन में सभी को शामिल होने की अनुमति दी जाती है और यह ब्लॉकचेन पूर्ण रूप से विकेन्द्रीकृत टेक्नोलॉजी पर आधारित है और इसका उपयोग मुख्यतः इस समय क्रिप्टोकरेंसी के लेन देन की प्रक्रिया में किया जाता है .

2- Consortium Blockchain :

इस ब्लॉकचेन तकनीक में एक संगठन के बजाय अनेक ब्लॉकचेन संगठन शामिल है और यह ब्लॉकचेन निजी ब्लॉकचेन के अपेक्षा अधिक विकेन्द्रीकृत मानी जाती है और इसमें हर एक संगठन के बीच सहमति चाइये होती है जिसकी वजह से इसको स्थापित कर पाना एक कठिन प्रकिर्या होती है .

3- Hybrid Blockchain :

यह ब्लॉकचैन हर एक ब्लॉकचेन के गुंडो को धारण करता है और इस ब्लॉकचेन में भी अन्य ब्लॉकचेन की तरह एक संगठन द्वारा नियंत्रित करनी की प्रकिर्या होती है और सार्वजनिक ब्लॉकचेन के जैसे यह सामान्य लोगों में भी पहुंचाया जा सकता है.

मगर हायब्रिड ब्लॉकचेन के अंतर्गत किसी भी रिकॉर्ड को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है परन्तु आवश्यक पड़ने पर इसका सत्यापन किया जा सकता है .

4- Private Blockchain :

इस ब्लॉकचेन को प्रबंधित ब्लॉकचेन का नाम दिया गया है क्यूंकि इसमें केंद्रीय प्राधिकरण की भूमिका पायी जाती है और यह ब्लॉकचेन आंशिक रूप से विकेन्द्रीकृत पाया जाता है और इसमें सामान्य लोगों का पहुँचपाना एकदम प्रबंधित होता है।

Bharat ka pehla blockchain jila : भारत का पहला ब्लॉकचैन जिला

भारत का पहला ब्लॉकचैन जिला तेलंगाना सरकार द्वारा हैदराबाद में Tech Mahindra के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किये गए है जिसको कि ब्लॉकचैन के लिए उत्तम केंद्र का पहला केंद्र माना है। 

FAQ

ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी क्या है और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी कैसे काम करता है ?

इस टेक्नोलॉजी में क्रिप्टोग्राफी टेक्नोलॉजी द्वारा डाटा को एन्कोडिंग करके सुरक्षित रखने का कार्य किया जाता है और इसमें हर एक ब्लॉक एक दूसरे ब्लॉक के साथ जुड़े रहते है.

ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी का अविष्कार किसने किया ?

इस टेक्नोलॉजी के अविष्कार के बारे में तो इसका सबसे पहले अविष्कार स्टुअर्ड हैबर और डब्ल्यू स्कॉट स्टोरनेटा  द्वारा 1991 में बताया गया था.

भारत का पहला ब्लॉकचैन जिला ?

हैदराबाद 

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