Indian Man Success Story : रात को गार्ड और दिन में चाय वाला पढ़िए संघर्ष से सफलता तक का सफर

दोस्तों क्या आप जानना चाहेंगे चाय वाले से लेकर इंजीनियर तक का सफर करने वाले की Success Story के बारे में तो चलिए आज हम इसी विषय पर आपको विस्तारपूर्वक बताने जा रहे है एक मामूली इन्सान जो कभी गार्ड तो कभी चाय की टपरी लगाया करता था मगर आज वह एक सरकारी विभाग में Engineer पद पर है।

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दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आपको बेहद ही मजा आने वाला है क्युकी इस आर्टिकल में हम अपने पाठकों के साथ मुकेश जी के संघर्ष से भरे जीवन के बारे में विस्तारपूर्वक बताने जा रहे है। हमारी पूरी कोशिस रहेगी कि हम इस कहानी में मुकेश दाधीच जी के बारे में सभी पॉइंट को कवर करें तो चलिए जानते है

रात में गार्ड दिन में चाय वाला Success Story :

जी हाँ दोस्तों हम इस लेख में मुकेश जी के बारे में बताने जा रहे हैं जैसा कि मुकेश जी के इस संघर्ष भरे जीवन की शुरुवात चाय की दुकान से होती है और उसके बाद वह अपनी मंजिल को छूने के लिए लगातर मेहनत भी कर रहे थे और साथ में गार्ड की भी नौकरी मुकेश जी ने पकड़ ली।
लाखों परेशानियां और सुविधाओं का न होना उसके बावजूद मुकेश जी ने अपने माता-पिता के इस सपने को ज़रा भी व्यर्थ न जाने दिया और आज दुनियां के लिए एक मिसाल कायम कर दी.

दोस्तों मुकेश दाधीच जी संघर्ष में हम बात कर रह है मगर उससे पहले आपको बताना चाहूंगा कि मुकेश जी Rajasthan के Jodhpur के रहने वाले हैं।
इतनी भयानक स्थिति में रहने के बाद मुकेश दाधीच जी ने कभी अपनी परिस्थिति और किस्मत को ज़रा भी नहीं कोशा और निरंतर मेहनत करते चले गए जिसका की उनको समय पर बेहतर परिणाम देखने को मिला।

चाय की टपरी से शुरू हुयी संघर्ष भरी कहानी :

मुकेश दाधीच success story

दरअसल अगर बात करें मुकेश जी के संघर्ष के शुरुवात की तो इनके संघर्ष की शुरुवात चाय के टपरी से हुयी थी और आगे चल कर गार्ड की नौकरी के साथ भी जुड़ गया।

मुकेश जी ने बताया कि एक समय था जब मै 2 नौकरी एक साथ करता था और आराम के लिए तरस जाया करता था मगर मैंने कभी हार न मानी और ज़िन्दगी को कम उम्र में समझ था कि गरीबी में जीवन काटना कितना मुश्किल है आज के समय में।
मुकेश जी ने यह भी साझा किया कि व्यक्ति को बिलकुल भी हार नहीं मन्ना चाइये और अपना एक लक्ष्य ज़रूर निर्धारित करना चाइये जिसके लिए उसे कड़ी मेहनत भी करनी चाइये।

मुकेश जी ने कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट तरीका नहीं होता है आपको उसके लिए कीमत चुकानी होती है और यदि कोई व्यक्ति उस कीमत को अदा करने के लिए तैयार रहता है तो Success उसको ज़रूर मिलती है।

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Jodhpur के रहने वाले थे मुकेश दाधीच :

Jodhpur के रहने वाले है मुकेश दाधीच और मुकेश दाधीच के पिता का नाम प्रकाश दाधीच है और यह मदेरणा कॉलोनी में रहते है और उनके पिता भी कोई बहुत बड़े बिजनेसमैन नहीं है उनके पास गुजारा करने के लिए एक चाय की टपरी है जिससे उनके घर का खर्चा चलता है.

उनके पिता भी कड़ी मेहनत करते थे ताकि वह अपने बच्चों को एक अच्छी शिक्षा दे सकें मगर कुछ समय बाद जब मुकेश बड़ा हुआ उसने पिता के काम में हाथ बटाना शुरू कर दिया मगर उसको पहले ही आभास हो चूका था की ऐसे जीवन से सिर्फ गुजारा हो सकता है।

और मुकेश दाधीच ने यह ठान भी लिया था कि उनको कुछ भी करना पड़े वह सरकारी नौकरी पा कर ही रहेंगे जिसके लिए उन्होंने दिन रात मेहनत करना शुरू कर दिया।

जानिये मुकेश दाधीच की Success Story का रूटीन :

अपने निजी जीवन में मुकेश दाधीच जी रोजाना समय पर अपनी चाय की दुकान खोल दिया करते थे और इसी बीच उनको जब भी समय मिलता था वह तुरंत किताब लिए बैठ जाते थे और खाली समय को बिलकुल भी व्यर्थ न जाने देते थे।

दुकान का काम और उसके बिच समय निकाल के पड़ना वाकई मुकेश जी के लिए एक कठिन विषय बन गया था और मुसीबत कम होने के वजय दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी इसी बीच मुकेश ने मन बनाया कि वह रात को गार्ड की भी नौकरी करेंगे।

दिन भर चाय बेचना और रात को ATM में गार्ड की नौकरी करना और जब वह रात को गार्ड की नौकरी करने लगे तब उन्होंने अपना रात का समय नौकरी करते करते पढ़ाई को देने लगे जिससे उनका यह संघर्ष भरा जीवन अब खुशियों की बढ़ने लगा।

और कुछ समय बाद मुकेश दाधीच का सेलेक्शन PWD के जूनियर इंजीनियर के पद पर हो गया।

नींद लेने को तरस्ते थे मुकेश दाधीच :

मुकेश दाधीच ने बताया कि वह नींद के लिए तरस जाते थे क्यूंकि उन्होंने अपने लिए ज़रा सा समय भी छोड़ा था कि जिसमे वह आराम कर सकें दिन में पिता जी के साथ चाय की दुकान पर काम करते थे और रात को ATM में गार्ड की नौकरी करते थे।

और इस सब के बीच जो समय मिलता था उसमे वह पढ़ाई करने लगते थे उन्होंने लगातार 6 घंटे रोज पड़ने का रूटीन बनाया और जिसके बाद उन्हें यह पद नशीब हुआ आज वह बताते है कि उन्होंने इस सघर्ष भरे जीवन से यह सीखा कि जीवन में Success अगर चाइये तो मेहनत बहुत ज़रूरी है। बिना मेहनत के कुछ भी हासिल नहीं होता है।

तो दोस्तों कुछ इस प्रकार थी मुकेश जी की Success Story , किसी ने सही कहा है अगर सपने तुम देखोगे तो कीमत भी तुमको ही चुकानी होगी।

Conclusion : दोस्तों आशा करता हूँ आपको मुकेश दाधीच की Success Story से काफी कुछ सिखने को मिला होगा आपसे निवेदन है कि इस लेख को Facebook ,Twitter तथा अन्य प्लेटफार्म पर Share करना न भूलें और हमारा हमेशा यही प्रयास रहेगा कि ऐसे ही Success Story हम आप लोगों के लिए लाते रहें धन्यवाद।

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