आँखें भी खोलनी पड़ती है उजाले के लिए केवल सूरज के निकलने से अँधेरा नहीं जाता
अगर जीवन में आ रहीं है कठिनाइयां तो समझ लेना सफलता की पहली सीढ़ी चढ़ चुके हो तुम
मेहनत की स्याही से जो लिखते है अपने इरादों को उनके मुकद्दर के पन्ने कभी कोरे नहीं हुआ करते हैं